नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: ये करेगी हनुमान जी की चौकीदारी!!

नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: ये करेगी हनुमान जी की चौकीदारी!!

अपना ही दृढ़ विश्वास लिये कि शरीर-लीला एक बहकावा है उनका' 'बाबा जी कहीं नहीं गये हैं हेमदा की पत्नी, श्रीमती हरिप्रिया जोशी (नन्नी दीदी) आश्रमों में श्री माँ-महाराज तथा भक्तों की सेवा में पूर्ववत रही। उनके लिये महाराज जी ने स्वयं भी कहा था कि, "यह तो सहस्त्रों वर्षों से मेरे साथ है", तथा “यह हनुमान जी की चौकीदार है।” और श्री माँ से भी कहा था, "यह तुझे चाय पिलायेगी ।”

बडी साधारण-सी लगने वाली बातें हैं ये । परन्तु ये तो बाबा जी की वाणी - जब बाबा जी की महासमाधी का दुःखद समाचार सुन कैंची आश्रम खाली हो गया सब वृन्दावन को भाग चले (केवल चन्द कर्मचारियों को छोड़कर) तो केवल नन्नी माई ही कैंची आश्रम और हनुमान तथा अन्य मंदिरों की चौकीदारी करती रहीं अकेले (जबकि बाबा महाराज की महासमाधी के कारण सारा वातावरण भयावह हो चला था) सारे मंदिरों, कुटियों एवं अन्य स्थानों में ताले लगवाकर तथा चाभियाँ अपने पास सुरक्षित रख और रात भर चौकीदारी कर हनुमान जी का चौकीदार बनकर !!

और जब दूसरे दिन शाम को श्री माँ एवं जीवन्ती माँ पूर्ण रूपेण निढाल अवस्था में अस्थि कलश लेकर कैंची वापिस पहुँची अर्ध चेतना में तो इन्हीं नन्नी माई ने ही चाय बनाकर श्री माँ-माँ को बरबस पिलाई । ‘यह तुझे चाय पिलायेगी' कहा था सरकार ने । (पूर्व में भी तो अनेक बार चाय पिला चुकी थीं माँ को नन्नी माई और बाद में भी पिलाती रहीं। पर बाबा जी का संकेत तो उक्त परिस्थिति की ओर ही था ।)

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