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नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : अशरण के शरण
बाबा जी की नज़र एक बार एक साधनहीन बुढ़िया पर पड़ी , जिसका आगे पीछे कोई नहीं था। दया निदान बाबा को उस पर दया आ गई । बाबा ने उसके रहने, भोजन का प्रबन्ध कैंची आश्रम में कर दिया । कुछ समय बाद बुढ़िया का आश्रम में निर्वाह होना मुश्किल हो गया । तब करुणा निधान बाबा ने कैंची आश्रम के मैनेजर विनोद जोशी जी के घर उस बुढ़िया रहने भेज दिया ।
जोशी दी की माता जी ने बुढ़िया की बहुत सेवा की परंतु होनी होनहार, कुछ समय बाद बुढ़िया की मृत्यु हो गयी। तब बाबा ने उसका क्रिया क्रम करवा कर उसके अन्य कर्म आश्रम में की ।
अशरण के शरण है बाबा ,
जय गुरूदेव
आलौकिक यथार्थ