Experiences
नीब करोरी बाबा की अनंत कथाएँ : जेब में फ़ोटो
श्रीमती दमयन्ती तिवारी , लखनऊ १९६४ की घटना का वर्णन करतीं है । आप कहती है कि आप के पति की महाराज जी पर अत्याधिक श्रद्धा रही ।अपने पर्स में वे सदैव महाराजजी का फ़ोटो रखा करते थे । आप लोग दर्शनार्थ कैंची गये हुए थे ।
आप ने बाबा को प्रणाम किया और बच्चों से भी करवाया। अपने पति से भी आपने इशारे से बाबा को चरण छूने को कहा । महाराज ने आपको देख लिया और बोले, "उसने हमें सबसे पहले प्रणाम किया। वो दिखावा नहीं चाहता, कर्मठ है "।
थोड़ी देर बाद वे आपकी और देखते हुए बोले, "क्या ये जेब में मेरी फ़ोटो रखता है?" फिर बड़े प्यार से मुस्कुरा दिये। वह मुस्कराहट ऐसी थी कि जिस भक्त ने उसे देखा कृतार्थ हुआ ।
जय गुरूदेव
आलौकिक यथार्थ