नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : सेवा का अवसर

नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : सेवा का अवसर

जब भी बाबा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते तो भक्तजन अपनी अपनी और से सेवा में उद्दत हो जाते । कोई उनकी गाड़ी में पैट्रोल भरवाता कोई उनके साथ के भक्तों के लिये प्रथम श्रेणी के टिकट ख़रीदता ।

एक बार इलाहाबाद के एक भक्त के मन में यही चाह पैदा हुई । जब बाबा इलाहाबाद जाने के लिये निकले तो आप टिकटों के लिये रूपये जेब में रखकर उनके पीछे पीछे चलते रहे । संकोच वश पूछ नहीं पा रहे थे कि टिकट मैं ले आऊँ ।

अचानक बाबा आपकी और मुड़ कर बोले," जेब में नोट लिये फिर रहा है , टिकट क्यूँ नहीं लाता ।" आप हैरान होकर ख़ुशी से टिकट लेने भागे और सोच रहे बाबा तो अंतर्यामी हैं, सब मन की जान लेते है ।

जय गुरूदेव, आलौकिक यथार्थ

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