नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : भक्त की अन्तिम इच्छा की पूर्ति

नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : भक्त की अन्तिम इच्छा की पूर्ति

एक रात भूमियाधार आश्रम में सब लोग भोजन पाकर सो गये थे ! बाबा ने आधि रात में श्री माँ, ब्रह्मचारी बाबा आदि सबको जगाया और फिर अपनी पसन्द का भोजन तैयार करने को कहा । सब ने बाबा से आग्रह किया कि आप भोग पा चुके है और अब इस प्रहर को भोजन करना उचित नहीं है । बाबा नाराज़ होकर बोले," यदि तुम खाना नहीं बनाना चाहते तो मैं स्वंय जाकर खाना बनाऊँगा।"

उनके आदेश का तत्काल पालन किया गया और लगभग २ बजे रात में बाबा ने बड़े चाव से भोजन किया । सब लोगों ने भी प्रसाद पाया और फिर सब सो गये । दूसरे दिन बाबा के पास सूचना आई कि उनका अमूक भक्त गत रात्रि में दो बजे इस संसार से विदा हो गया ।

बाबा बोले, " मरते-मरते उसकी इच्छा विशेष प्रकार के भोजन में चली गई थी । उसे इस कारण फिर जन्म न लेना पड़ , हमने कल रात वही भोजन कर उसे तृप्त कर दिया था ।"

जय गुरूदेव

आलौकिक यथार्थ

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