नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ : लखनऊ के माथुर परिवार की तीनों पुत्रियों की नैया पार लगायी

नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ : लखनऊ के माथुर परिवार की तीनों पुत्रियों की नैया पार लगायी

टीटाघर पेपर मिल्स से सम्बन्धित लखनऊ का एक माथुर परिवार महाराज जी का भक्त हो चला था । कागज का थोक व्यापार करते थे घर के मुखिया । महाराज जी लखनऊ प्रवास के मध्य माथुर जी के आग्रह से दोपहर का प्रसाद उन्हीं के घर पा लेते थे अक्सर ।

माथुर साहब की तीन कन्यायें थी । बड़ी की दोनो आँखें पूर्ण रूपेण भैंगी थी । काफी उम्र हो चुकी थी पर आँखों के कारण अविवाहित रह गई । माथुर साहब की दौलत भी इस हेतु कुछ काम न आ सकी। दूसरी कन्या गूँगी भी थी और बहरी भी । केवल घर के कामकाज के सिवा अन्य किसी काम की न थी। तीसरी कन्या सुन्दर भी थी, तेज मी अपने मन का विवाह करना चाहती थी पर बड़ी की शादी न हो पाने के कारण उसकी भी गाड़ी अटकी थी । सहज ही में माथुर दम्पति इस का अत्यन्त दुखी था।

गूंगी-बहरी लड़की, स्वाभाविक था, बुद्धि की भी कुन्द थी । महाराज जी ने माथुर साहब से कई बार कहा कि इसे आर्ट कालेज में भरती करा दे । पहले तो माथुर साहब ही इस विचित्र राय से कतराते रहे पर फिर बार बार महाराज जी के कहने पर आर्ट कालेज (लखनऊ) ले भी गये तो प्रधानाचार्य ने, स्वाभाविक था, ऐसी गूँगी बहरी, कुन्द दिमाग लड़की को भरती करने से इन्कार कर दिया । उस लड़की को तो बुद्धिहीन होने के कारण गूंगे-बहरे स्कूल वाले भी नहीं स्वीकार कर रहे थे।

बाबा जी के कहने पर माथुर साहब लड़की को फिर से गये आर्ट कालेज । फिर से इन्कार हो गया । इसके बाद एक बार और इन्कार हो गया ।

परन्तु महाराज जी अड़े रहे अपनी ही राय पर और जब माथुर साहब अबकी ले गये उस लड़की को आर्ट कालेज तो (महाराज जी का चमत्कार) प्रधानाचार्य ने उसे स्वीकार कर लिया और पुनः महाराज जी का प्रताप लड़की पेंटिंग में इतनी दक्ष हो गई कि पाँच वर्ष की अन्तिम परीक्षा में सर्वप्रथम उत्तीर्ण हो गई। साथ में सुनने भी लगी और कुछ कुछ अस्पष्ट रूप से बुदबुदा कर अपनी बात भी कहने लग गई ॥

इधर इस बीच बाबा जी ने एक दिन बड़ी को अपने पास बुलाया और उसकी दोनों आँखों को अपने हाथ के दो अंगूठों से मलकर न मालूम क्या किया कि उसकी पुतलियों इसी क्रिया से सीधी हो गई !! फिर क्या था, लड़की अन्यथा सुन्दर तो थी ही । शीघ्र उसका विवाह एक सजातीय से, जो एयर फोर्स में स्क्वाड्रन लीडर था, हो गया !!

उधर उस बीच वाली लड़की को भी राजस्थान में नियुक्त एयर फोर्स के एक बड़े अफसर ने, जो विधुर था, अंगीकार कर लिया !! तीसरी का रास्ता तो स्वतः ही खुल गया । (केहर सिंह)

Related Stories

No stories found.
logo
The News Agency
www.thenewsagency.in