Experiences
नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ: महाराज जी ने कभी उपदेश नहीं दिए, दिल के अंदर बोले!
अन्य जो सबसे अलग है, वह कीमती अंतरंगता है जो एक और अस्तित्व को उसी स्थान के भीतर अनुभव करने से आती है जिसमें आपका अपना स्थान है, एक प्रेमी की फुसफुसाहट जो आपके अंतरतम हृदय को जानता है। महाराज जी ने कभी उपदेश नहीं दिया, वह तुम्हारे दिल के भीतर बोला। उसके साथ एक स्वचालित रूप से सब कुछ जानता था। किताब पढ़ने से नहीं दिल से आई अंतरंगता के दर्शन
या अन्य जो सबसे अलग है, वह कीमती अंतरंगता है जो एक और अस्तित्व को उसी स्थान के भीतर अनुभव करने से आती है जिसमें आपका अपना स्थान है, एक प्रेमी की फुसफुसाहट जो आपके अंतरतम हृदय को जानता है। महाराज जी ने कभी उपदेश नहीं दिया, कभी उपदेश नहीं दिया; वह तुम्हारे दिल के भीतर बोला। उसके साथ एक स्वचालित रूप से सब कुछ जानता था। किताब पढ़ने से नहीं दिल से आई।