नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: महाराज जी ने हाथ फैलाया और बोले “ले बच गया”!
एक बार हनुमान स्वरूप पूज्य बाबा नीब करौरी महाराज का दरबार उत्तराखंड के बजरंगगढ़ आश्रम में लगा हुआ था।भक्तो की भारी भीड़ लगी हुयी थी। अचानक बैठे बैठे पूज्य बाबा को समाधि लगी और फिर उन्होंने अपने दोनों हाथ फैलाये (ऊपर से गिरती किसी चीज को पकड़ने की मुद्रा में) और बोले "ले बच गया।"
पूज्य बाबा के इस विचित्र आचरण से वहां एकत्रित भक्त समाज बिना कुछ समझे हंसने लगा।पूज्य बाबा भी उन सबको देख वानर भाव से हंसने लगे।
इस घटना के तीसरे दिन वहां आश्रम में कानपुर की एक कृतज्ञ भक्त महिला आयी।भक्तो की भीड़ के बीच उसने पूज्य बाबा के श्री चरणों में नमन करते हुये कहा कि "महाराज जी उस दिन मेरा पांच वर्ष का बच्चा मेरे घर की छत से गिर गया था।तभी आपको याद करके मैं चीख उठी, बाबा रक्षा करो।
और उसी समय एक साधु मेरे मकान के नीचे प्रकट हुआ और उसने दोनों हाथ फैलाकर (ठीक उसी प्रकार जैसे पूज्य बाबा ने उस दिन फैलाये थे) मेरे बच्चे को अपनी गोद में थाम लिया। “मेरा बच्चा आपकी कृपा से बच गया वरना..." तब वहां बैठे भक्तो की समझ में आया पूज्य बाबा के हाथ फैलाने का रहस्य। और पूज्य बाबा आकाश की ओर देखने लगे…