नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: जड़ वस्तु पर भी नियंत्रण
चल-अचल, जड़-चेतन प्रकृति-सृजित अथवा मनुष्य निर्मित वस्तु सभी पर ही तो बाबा जी महाराज का नियंत्रण केवल मनसाशक्ति से ही संभव हो जाता था। प्रकृति के तत्वों पर नियंत्रण के संदर्भ में बहुत कुछ पूर्व में कहा जा चुका है । यहाँ मनुष्य द्वारा निर्मित (मशीनरी आदि) वस्तुओं पर भी बाबा जी की नियंत्रण शक्ति के कुछ आश्चर्यजनक दृष्टांत दिये जाते हैं ।
बाबा जी महाराज के फोटो-चित्र लेने की उत्कट अभिलाषा से श्री युधिष्ठिर सिंह बड़े उत्साह से एक दिन एक मंहगा विदेशी कैमरा ले आये। - महाराज जी से चित्र ले लेने की अनुमति माँगी तो उन्होंने मनाकर दिया ।
परन्तु युधिष्ठिर जी की जिद के जवाब में बाबा जी ने हँसकर कह दिया, “अच्छा, नहीं मानता तो अपने मन की कर ले ।” फिर क्या था, युधिष्ठिर जी ने एक के बाद एक कई फोटो चित्र ले लिये बाबा जी के जब-तब अपने कैमरे का बटन खटकाते ।
परन्तु जब रीलें धुल कर आईं तो सबकी सब काली निकलीं बिना छवि के !! महाराज जी ने फोटो चित्र लेने को मना जो कर दिया था !!
(उक्त घटना का विवरण श्री केहर सिंह जी ने मुकुंद को सुनाया था)