नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: बूढ़े आदमी का अंधापन महाराज जी ने अनार का रस खुद पीकर ठीक किया

नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: बूढ़े आदमी का अंधापन महाराज जी ने अनार का रस खुद पीकर ठीक किया

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जिस कस्बे में महाराज जी ठहरे हुए थे, वहां एक बूढ़ा आदमी अंधा हो गया था। लोग महाराज जी से उपचार के बारे में बात कर रहे थे, और महाराज जी ने कहा, "समर्थ गुरु राम दास ने अपनी मां को अंधेपन से ठीक कर दिया, लेकिन अब ऐसा कोई संत नहीं है।" तब महाराज जी ने एक अनार मांगा, उसे निचोड़ा और उसका रस पिया।

फिर उसने अपना कंबल अपने चेहरे पर रखा और उन्होंने देखा कि नीचे उनकी दोनों आँखों से खून निकल रहा था। महाराज जी ने उस अंधे व्यक्ति से कहा कि यदि भगवान ने उसकी दृष्टि बहाल कर दी है तो उसे व्यवसाय से संन्यास ले लेना चाहिए और अपना जीवन आध्यात्मिक कार्यों में लगा देना चाहिए।

कुछ ही समय बाद उस व्यक्ति की दृष्टि बहाल हो गई। डॉक्टर ने आकर आंखों की जांच की और कहा, "यह असंभव है! यह किसने किया?" उन्होंने उसे बताया कि यह महाराज जी थे और डॉक्टर उन्हें खोजने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचे।

महाराज जी पहले से ही गाड़ी में सवार थे और डॉक्टर ने कूद कर प्रणाम किया, और महाराज जी कहते रहे, "यह वह डॉक्टर है जिसने आदमी के अंधेपन को ठीक किया। वह बहुत अच्छा डॉक्टर है, बहुत अच्छा डॉक्टर है।" लेकिन तीन या चार महीनों के बाद, बूढ़ा आदमी विरोध नहीं कर सका और काम पर वापस चला गया और लगभग तुरंत ही उसकी दृष्टि फिर से चली गई।

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