Experiences
नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : स्वंय को कहीं भी प्रकट कर देना
एक माई सुबह ३ बजे ब्रह्म मुहूर्त के समय अपने कमरे में बैठी जाप, प्रार्थना कर रही थी । कमरा अन्दर से बन्द था । अचानक महाराजजी उस माई के सामने आकर खड़े हो गये और बोल पड़े," क्यूँ मुझे बार बार बुला रही हो माँ ? क्या चाहती हो ?"
पूरा कमरा अन्दर से बन्द था और महाराजजी अन्दर प्रकट हो गये माई के सामने क्यूँकि वे कही भी, किसी वक़्त भी बन्द दरवाज़ों में भी उपस्थित हो सकते थे, और वे माई तो उन्हीं को प्रार्थना कर के बुला रहीं थी । महाराज जी कहीं भी स्वंय को प्रकट करने की शक्ति रखते थे ।
जय गुरूदेव
मिरेकल आफ लव