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नीम करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: ट्रक चालक पर कृपा
गाड़ी के विलंभ से लालकुआं स्टेशन पहुंचने के कारण हल्द्वानी की गाड़ी छूट चुकी थी । उस समय रात्रि में हल्द्वानी के लिए कोई गाड़ी न थी । बस का भी समय न था । अब रात लालकुआं स्टेशन में ही गुजारनी थी । बाबा जब गाड़ी से उतर कर प्लेटफार्म पर आए तो पास में खड़े एक मुस्लिम ट्रक चालक की दृष्टि कंबलधारी बाबा पर पड़ी ।
वह बड़े कोतुहलपूर्ण नेत्रों से उन्हें देखता रहा । बाबा उसकी ओर देख कर बोले, "औरत बीमार है तेरी ? तू देखी है ? बरेली आगरा सब जगह दिखा चुका, कुछ लाभ नही हो रहा है? घबरा मत ठीक हो जायेगी ।" वह चुपचाप बाबा की बाते सुनता रहा और आश्चयचकित हो निवेदन करने लगा, " बाबा आप को कहा जाना है ? यदि आज्ञा हो तो मेरी ट्रक बाहर खड़ी है आप जहां चाहे मैं पहुंचा दूं ।" वह सब लोगो को अपनी ट्रक में बिठा कर हल्द्वानी ले आया।