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नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: महाराज जी के दर्शन और बीमार भक्त का अंत!
एक बूढ़ा आदमी जिसने सालों तक जेल प्रहरी के रूप में काम किया, बेहद बीमार हो गया। एक समय पर, उसके डॉक्टर ने उसे जीने के लिए केवल चौबीस घंटे दिए, लेकिन उस आदमी ने महाराज जी को याद किया, उनका ध्यान किया, और मरने से इनकार कर दिया। तीसरे दिन महाराज जी नगर पहुंचे और एक अन्य भक्त के घर गए। उसने उससे कहा, "यहाँ पास में एक बूढ़ा रहता है। वह मेरे बारे में बहुत सोच रहा है और वह बहुत बीमार है। हमें उसके पास जाना चाहिए।"
बीमार व्यक्ति के कमरे में प्रवेश करने पर, उन्होंने उसे बहुत गंभीर स्थिति में पाया। महाराज जी ने अपना पैर उस आदमी के सिर के पास रख दिया। मरने वाले ने महाराज जी को प्रणाम किया और फिर अपना शरीर छोड़ दिया। महाराज जी ने दूसरे भक्त से कहा, "वह मुझे बहुत याद कर रहे थे। दर्शन दिए गए, फिर समाप्त! अंत!"