नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: भक्त की उँगली फट गयी, खून निकला लेकिन बाबा ने देखा तो साबुत !

नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: भक्त की उँगली फट गयी, खून निकला लेकिन बाबा ने देखा तो साबुत !

वृन्दावन आश्रम में बाहर प्रांगण में बैठे शर्मा जी इमाम-दस्ते में कुछ दवाएँ कूट रहे थे। तभी पता नहीं किस ध्यान में डूब गये कि काफी ऊपर उठा हुआ मूसल इमाम दस्ते को पकड़ी हुई उँगली पर जोर से पड़ गया । उँगली पिचककर फट गई और उसमें से खून का फ़व्वारा निकलने लगा ।

कुटी में आराम करते बाबा जी को कहीं घटना का पता न लग जाये इस भय से अपार पीड़ा सहते हुए इन्होंने बही तर्जनी पास की मिट्टी-बालू में घुसेड़ दी और यथावत कुटाई करते रहे पर वहाँ कैसे छिप पाती यह बात ?

तुरन्त ही महाराज जी दरवाजा खोल कुटी से निकल पड़े और पास आकर इनका हाथ पकड़कर खींचते हुए बोले, “दिखा, क्या हुआ ?" पर जब उँगली मिट्टी-बालू से बाहर आई तो एक दम साबुत-ठीक थी) - दर्द भी न मालूम कहाँ चला गया ! (दिनेश दीक्षित)

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