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नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : महर्षि रमण का जाना
महाराज जी, हल्द्वानी फर्नीचर मार्ट में विराजमान थे। पूरन चन्द्र जोशी जी उस समय बाबा के पास थे। आप बताते है कि बात करते करते बाबा गम्भीर चिन्तन में निमग्न हो गये। एकाएक वे मन्द स्वर में बोले ,"पूरन ! एक चम्मच पानी पिला दे उसे बहुत तकलीफ़ हो रही है ।"
बाबा की बात उनकी समझ में नहीं आयी । फिर भी २ चम्मच पानी उन्होंने बाबा के मुख में डाल दिया । इसके कूच देर बाद बाबा की आँखों से दो बूँद आँसू की टपकी और वे उनकी तरफ़ देखते हुए बोले," रमण चला गया, भारत एक महान सन्त से रिक्त हो गया ।" यह उस समय की बात है जब महार्षि रमण ने अरूणाचल में अपना शरीर त्यागा था ।
जय गुरूदेव
-- पूजा वोहरा/नयी दिल्ली