बाबा जी कहीं नहीं गये
अपना ही दृढ़ विश्वास लिये कि --" बाबा जी कहीं नहीं गये है -- शरीर लीला एक बहकावा है उनका -' हेम दा की पत्नी श्रीमती हरिप्रिया जोशी आश्रमों में श्री माँ - महाराज तथा भक्तों की सेवा में पूर्ववत रह रही थीं। उनके लिये महाराज जी ने स्वंय भी कहा था कि, "यह तो सहस्त्रों वर्ष से मेरे साथ है, ये हनुमान जी की चौकीदार है" और श्री माँ से भी कहा था,"यह तुझे चाय पिलायेगी।" ये बाबा जी की वाणी थी, सत्य तो होनी थी ।
जब बाबा जी की महासमाधी का दुखद समाचार सुन कैंची आश्रम ख़ाली हो गया - सब वृन्दावन को भाग चले तो केवल हरिप्रिया जोशी जी ही थीं जो कैंची आश्रम के हनुमान मन्दिर और अन्य मंदिरों की चौकीदारी करती रहीं - अकेले - जबकि बाबा जी की महासमाधी के कारण सारा वातावरण भयावह हो गया था । वाक़ई वे उस समय हनुमान जी की चौकीदार थी ।
जय गुरूदेव
अन्नत कथामृत
--पूजा वोहरा/नयी दिल्ली