नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : सीने पर भृगुपाद के दर्शन
सदाकान्त (रिटायर्ड आईएएस) बताते है कि कैंची में भण्डारे का जहाँ प्रसाद बनता है वहाँ बाबा के चित्र- विग्रह की स्थापना कर हनुमान चालीसा का पाठ होता है । पाठ करते मेरी दृष्टि बाबा की छवि पर गई , प्रत्येक अंग निहारते हूये मेरी दृष्टि उनके ह्रदय स्थल पर रूक गई ।
वहाँ पर बालों की सरंचना कुछ इस प्रकार बनी थी जैसे भगवान नारायण के ह्रदय पर भृगुपाद के चिन्ह हो और सहज ही मुझे बाबा के ह्रदय स्थल पर निर्मल प्रकाश के दर्शन हुए। तत्काल ही बाबा ने बोध कराया कि उनके ह्रदय में श्री राम जानकी का निवास है ।
मैंने मन ही मन बाबा से प्रार्थना की यदि आप मुझे इस चित्र के रूप में प्राप्त हो जाते तो मैं प्रति मंगलवार को आपको हनुमान चालीसा सुनाएगा। ये मैंने मन में ही सोचा । सांय काल को बाबा के अनन्य भक्त देवकामता दीक्षित और उनके पुत्र ने मुझसे कहा कि वे मुझे एक सुन्दर वस्तु भेंट में देना चाहते है ।
मुझे और भी महान आश्चर्य तब हुआ जब उन्होंने वही छवि लाकर मुझे भेंट कर दी । मुझे लगा बाबा कितने सर्वज्ञ है जो सूक्ष्म से सूक्ष्म ह्रदय की बात दान लेते है । मेरी इच्छा की पूर्ति बाबा ने सहज ही कर दी ।
जय गुरूदेव
अन्नत कथामृत
-पूजा वोहरा