बाबा कहते हैं…परोपकार का साक्षी मालिक के अतिरिक्त और दूसरा कोई नहीं !!

बाबा कहते हैं…परोपकार का साक्षी मालिक के अतिरिक्त और दूसरा कोई नहीं !!

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परोपकार बहुत ही विश्वसनीय कार्य है, जिसका साक्षी मालिक के अतिरिक्त और दूसरा कोई नहीं। जो प्रचार प्रसार कर के, तस्वीर खिंचवाकर , दूसरों को दिखाने के लिए, होर्डिंग बैनर लगाकर और पेपर और टी वी में समाचार में प्रसारित करवाने के लिए कार्य किए जाते हैं, वो परोपकार नहीं है । परोपकार वो कार्य है जिसे मालिक, अपने प्रतिनिधि के रूप में, किसी की मदद करने के लिए, किसी को चुनता है ।

इसलिए मालिक के काम को ऐसे करना चाहिए , जिसे मालिक के अतिरिक्त कोई और ना जान सके, और स्वयं में कर्ता का भाव भी ना आए, यही तो है परोपकार। अपने अंदर कर्ता का अहम ना पलने दें क्योंकि परोपकार से अर्जित होने पुण्य को यही अहम ही तो नष्ट कर देता है । परोपकार दिखाने के लिए नहीं बल्कि आत्मिक सुख के लिए ही होना चाहिए ।

श्री साईं सबका सदा ही कल्याण करें ।।

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