कोरोना से जूझते उत्तराखंड में कांग्रेसी विधायकों ने विधानसभा जाने के लिए ट्रैक्टर पर चढ़कर किया तमाशा
उत्तराखंड में कोरोना वायरस बेकाबू होता जा रहा है, शासन से लेकर प्रशासन और आम लोग तक डरे सहमे हुए हैं । हर दिन संकट मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है । इस महामारी को कैसे नियंत्रण किया जाए राज्य की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार भी पशोपेश में है । आखिरकार सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बहुत सोच विचार कर आज एक दिन का विधानसभा मानसून सत्र आयोजित किया है ।
त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कई मंत्री पॉजिटिव हैं वहीं विपक्ष के नेता भी इस वायरस की चपेट में है । लेकिन आज सुबह जैसे कांग्रेसी विधायकों ने जो हरकत की उसने त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार की और परेशानी बढ़ा दी । आइए आपको बताते हैं कांग्रेस विधायकों ने क्या किया, आज से शुरू हुए विधानसभा के मानसून सत्र के लिए कांग्रेसी विधायक प्रीतम सिंह, मनोज रावत, काजी निजामुद्दीन और आदेश चौहान ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का एक नया तरीका निकाला ।
यह सभी कांग्रेसी विधायक मानसून सत्र में भाग लेने के लिए ट्रैक्टर पर सवार होकर आ रहे थे । विधानसभा से कुछ दूर पहले ही पुलिस ने इनको ट्रैक्टर से उतार लिया । जिससे गुस्साए यह सभी कांग्रेसी विधायकों ने सड़क पर बैठकर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया इस दौरान उनकी पुलिस से जबरदस्त नोकझोंक भी हुई ।
धरने पर बैठने के बाद यह सभी विधायक विधानसभा की ओर बढ़ गए । सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस समय इन कांग्रेसियों को यह हथकंडा अपनाने की जरूरत क्या है ? जबकि पहले ही राज्य की जनता और त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार कोरोना महामारी को लेकर परेशान चल रहे हैं ।
कोरोना की दहशत में शुरू हुआ राज्य विधानसभा का एक दिन का मानसून सत्र
यहां हम आपको बता दें कि आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कोरोना के साए में सभा का एक दिन का मानसून सत्र शुरू हो गया है । ऐसा भी पहली बार होगा, जब कोरोना संक्रमण के चलते विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष व उपनेता प्रतिपक्ष सदन में मौजूद नहीं रहेंगे। इस बार सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा।
सरकार की ओर से नौ अध्यादेश विधेयक के रूप में और 10 नए विधेयक पेश किए जाएंगे। विधानसभा ने साफ किया है कि जिन विधायकों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव होगी, उन्हें ही सदन में प्रवेश दिया जाएगा। कड़ी सुरक्षा और कोविड प्रोटोकॉल के बीच विद्यायकों को सदन में एंट्री दी गई । इस एक दिन के मानसून सत्र में राज्य की 70 विधानसभा सदस्यों में से लगभग आधे ही सदन में पहुंचे हैं ।
राज्य में लगातार बढ़ते जा रहे संक्रमित मरीजों की वजह से पहले मानसून सत्र रद करने की भी चर्चा चल रही थी । लेकिन कई विधेयक पारित करने थे, तब जाकर त्रिवेंद्र सिंह सरकार ने यह सत्र कराने की मंजूरी दी थी ।