नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ: तू गया नही ?" अच्छा अब जा !
एक दिन शाम के दयानन्द खत्री अपने घर बरेली से कैंची आश्रम पहूँचे । दूसरे ही दिन आरती के बाद बाबा जी ने खत्री को घर लौट जाने को कहा । तभी रघुवंशी जी बोल उठे , बाबा ! कल शाम ही तो ये आये है और आज आप इन्हें भगा रहे है ।" तब उनकी ईच्छा देखते हुए बाबा ने उन्हें दूसरे दिन जाने को कह दिया । दूसरे दिन भी उन्हें वहाँ देख कर बाबा बोले " तू गया नही ?" अच्छा अब जा ।" और उन्हें बाबा ने विदा कर दिया ।
खत्री जी बरेली चले आये ।घर आकर आपको पता चला कि पिछली रात आपकी पत्नी का स्वास्थ्य एकाएक बहुत गिर गया था और चिन्ताजनक स्थिति हो गयी थी । रात भर डाक्टर उनकी देखभाल करते रहे ।आप के आने से कुछँ देर पूर्व ही स्थिति में सुधार आना शुरू हूआ ।आप की धारणा है कि जब बाबा ने आपको एक दिन और रूकने की आग्या दी तो आपकी पत्नी की सुरक्षा का भार अपने पर ले लिया । पल पल की ख़बर है बाबा को अपने भक्तों की ।
-- आलौकिक यथार्थ