नीब करौरी बाबा की अनंत कथाएँ; माध्यम बनाकर लीला सम्पादन
बाबा जी महाराज की सृजनात्मकता का एक रूप यह भी था कि किसी को भी माध्यम बनाकर वे अपनी कल्याणमयी लीलाओं को सम्पन्न करते रहते थे । ऐसी अनेक लीलायें हैं, और तब (अपने को, अपनी शक्ति, सत्ता को गुप्त रख) उस माध्यम को ही कार्य संपादन के लिये श्रेय देते हुये उसका स्वयं गुणगान करने लगते सबके समक्ष ।
हरदा बाबा (श्री हरि दत्त कर्नाटक) अमेरिका चले गये थे पर उनका वीसा केवल अल्पकाल के लिये ही था और उन्हें वहाँ अधिक रहना था । इस संदर्भ को लेकर कैंची में उपस्थित रामदास (डा० रिचर्ड एलपर्ट) से बाबा जी बार बार कहते कि हरदा को अमेरिकन ग्रीन कार्ड दिलवाना है और उनसे पूछते, “क्या तुम अमेरिका के प्रेजीडेन्ट को जानते हो ? क्या तुमने उसके साथ चाय पी है ?” आदि । पर रामदास नकारात्मक उत्तर देकर उक्त विषय में अपनी लाचारी प्रगट करते रहते।
अब प्रारम्भ हुआ महाराज जी की इस लीला का दूसरा अंक | (बार-बार रामदास से उक्त विषय में वार्ता कर महाराज जी ने उसके चेतन अवचेतन मानस में उक्त प्रश्न तो भर ही दिया था ।) तभी नैनीताल में एक संभ्रान्त अमरीकन वकील, जो रामदास का मित्र था, पर्यटन हेतु आया। रामदास ने उसे कैची आश्रम एवं बाबा जी के बारे में भी प्रभुप्रेरित) विस्तार से बताया ।
जिज्ञासा-वश उसने कैंची तथा बाबा जी के दर्शनों की इच्छा प्रगट की और दोनों कैची धाम आ गये । वह अमरीकन वकील ऊँची आश्रम में आकर तथा बाबा जी के दर्शन पाकर कृतार्थ हो अत्यन्त कृतज्ञता से रामदास से धन्यवाद सहित बोला, “मैं तुम्हारे लिये क्या कर सकता हूँ ।"
रामदास को कुछ न सूझा पर एकाएक ये बिना किसी आत्मविश्वास (प्रभुप्रेरित) बोल उठे, “क्या बताऊँ ? बाबा जी हरिदास बाबा नाम के एक व्यक्ति को अमेरिकन ग्रीन कार्ड दिलवाना चाहते हैं। मैं दुःखी हूँ कि इस विषय में महाराज जी की कोई सेवा नहीं कर पा रहा हूँ।" तब वकील तत्काल बोल उठा, "यह कौन बड़ी बात है। मेरा भाई वहाँ प्रेजीडेन्ट के व्हाइट हाउस में राजनीतिक विभाग में बड़ी पोस्ट में है। वह यह सब कर देगा चिन्ता मत करो मुझे पूरा विवरण दे दो।" और हरिदास बाबा को अमेरिका में रहने की इजाजत मिल गई |