नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : महाराज जी की लीला

नीब करोली बाबा की अनंत कथाएँ : महाराज जी की लीला

एक बार एक भक्त महाराज जी के साथ जागेश्वर को जा रहे थे । हम रास्ते मे अल्मोडा रूके । महाराज जी ने मुझसे कहा, "चलो ध्यान साधना( meditation ) करो" । मै ध्यान की अवस्था मे बैठ गया । मेरा यह अनुभव बहुत ही अजीब था क्यूँकि मैंने एहसास किया कि मैं उड़ रहा हूँ और कैलाश पर्वत के बारे में सोच रहा हूँ । मेरे होश हवास कहीं गुम हो गये ।

कुछ समय मैं इसी अवस्था मे रहा ।और फिर कुछ देर बाद मेरे होश वापस आ गये । लेकिन आश्चर्य तब हुआ जब मेरी पत्नी और कुछ जानकारों ने मुझे उसी वक़्त (same time) दिल्ली में महाराजजी के साथ देखा । वे सब और मैं हैरान थे कि इतनी जल्दी ये सब कैसे हो गया, आश्चर्य ! अदभुत ! महाराजी कहीं भी किसी के साथ भी लीला रच डालते थे ।

जय गुरूदेव

मिरेकल आफ लव

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