नीब करोरी बाबा की अनंत कथाएँ : सोने का सट्टा
कैंची में बाबा के दरबार में एक दिन एक सेठ जी उपस्थित थे, जो सोने का सट्टा किया करते थे । उस दिन वार्ता में सोने का प्रसंग चल पड़ा । बाबा बोले," सोने का भाव आगे चल कर गिर जायेगा।" इस पर सेठ बोले, "नहीं बाबा इसकी सम्भावना नहीं है।" बाबा ने फिर कहा,"इसका भाव अवश्य गिर जायेगा।"
सेठ जी को बात समझ आयी तो उन्होंने थोड़े से ही लाभ पर सोना बेच दिया । आगे उन्होंने देखा कि सोने का भाव गिरा और वे बहुत बड़ी क्षति से बच गये । दूसरी बार जब सेठ जी बाबा के दर्शन को आये तो उन्होंने बाबा को २००० रू. की भेंट चढ़ाई । बाबा ने भेंट स्वीकार नहीं की । एक भक्त के कहने पर कि बाबा सेठ जी का पैसा आश्रम में लगाया जा सकता था आपने मना क्यूँ कर दिया ।"
बाबा बोले,"वो उन रूपयों से हमें ख़रीदने आया था ।" बाबा सब के मन की जानते थे कि किस के मन में, दिमाग़ में क्या चल रहा है । सेठ जी की मनोभावना को बाबा अच्छी तरह पहचान गये थे ।
जय गुरूदेव
आलौकिक यथार्थ